गोपी गीत हुए अवतरित तुम जब माधव बैकुंठी ब्रजधाम प्रभो
गोपी गीत (कुकुभ /लावणी /ताटंक छंद,प्रति चरण 16 ,14 मात्राएँ) (गोपी गीत पाठ श्रीमदभागवत महापुराण के दसवें स्कंध के रासपंचाध्यायी का 31 वां अध्याय है। इसमें 19 श्लोक हैं। रास लीला के समय गोपियों को मान हो जाता है । भगवान् उनका मान भंग करने के लिए अंतर्धान हो जाते......