रायपुर के शासकीय हायर सेकंडरी विद्यालय में जनसहयोग से श्रमदान द्वारा हुए कार्य
गाडरवारा। क्षेत्र के चीचली ब्लॉक अंतर्गत ग्राम रायपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुए उत्कृष्ट कार्य एवं नवाचार शैक्षिक विकास में सहभागी बने है। अब इस कड़ी में विद्यालय के प्राचार्य गजेंद्र कौरव द्वारा किए जा रहे प्रयासों के चलते ग्राम के पालकों , समीपी ग्रामों के समाजसेवी, युवा एवं वृद्धजनों द्वारा भी विद्यालय के विकास में अहम योगदान दिया जा रहा है। गत दिवस उक्त सभी लोगो ने एकजुट होकर श्रमदान करते हुए विद्यालय के लगभग 750 वर्गफीट क्षेत्र में बेस लेंटर डलवाया। इस अवसर पर गजेंद्र कौरव ने बताया कि हमारे विद्यालय में हुए छात्र हितेषी कार्यो से ग्राम रायपुर सहित आसपास के ग्रामों के लोग प्रभावित है इसीलिए सभी लोग विद्यालय के विकास में श्रमदान संबंधी कार्यों को भी करवाते है । श्री कौरव ने बताया कि सभी के अथक प्रयास से अतिरिक्त समय अर्थात सुबह 9 बजे से शाम के 8 बजे तक असीमित समय देकर जन समुदाय की सहभागिता ,क्षेत्रीय समस्त बाल वृन्द, युवा, वयोवृद्ध महानुभाव , पूर्व छात्र छात्राएं एवं समस्त अध्ययनरत विद्यार्थियो उनके पिता पालक,क्षेत्रीय समाजसेवी महानुभाव एवं संस्था के समस्त शिक्षकों के समन्वित सहयोग से विद्यालय में सुन्दर नैसर्गिक उद्यान, वाटर फ़ाउंटेन,जन सहयोग से 3 बड़े टीन शेड, 2 बडे मंच, प्रार्थना सभागार, शिव जी मन्दिर,हनुमान जी मन्दिर, राधाकृष्ण जी दरवार, सरस्वती जी मन्दिर विभिन्न वाटिकाये जैसे- तुलसी वाटिका ,कबीर वाटिका, सूर वाटिका , एवं वनस्पति विज्ञान की शिक्षा हेतू विविध पेड़ पौधौ से युक्त बेहद आकर्षक सम्पूर्ण परिसर का निर्माण पूर्व में कराया गया था। विदित हो कि उक्त सम्पूर्ण कार्यों में विगत 14 वर्षों से लगातार संघर्षरत रहते हुये प्राचार्य गजेन्द्र कौरव ने विद्यालय को निजी विद्यालयो के समकक्ष लाकर खड़ा कर दिया है। इसके अलावा अनुशासन के मामले मे अत्यंत व्यवस्थित कार्यप्रणाली जिसमे सम्पूर्ण शाला परिवार के जूते चप्पल कक्षाओं से 100 मीटर दूरी पर रखने की परम्परा , सभी विद्यार्थी निर्धारित गणवेश,टाई ,बेल्ट,जूते ,मौजे,ब्लेजर से युक्त गणवेश में 17 ग्रामों से निरन्तर अध्ययन करने आते है। कक्षा 9वी से 12 वी तक संचालित 400 दर्ज संख्या वाला क्षेत्र का यह शासकीय विद्यालय जनसहयोग एवं प्राचार्य गजेन्द्र कौरव के असीम लगाव एवं अथक प्रयास से जिले का सर्वोत्कृष्ट नैसर्गिक विद्यालय बन गया है। जिसके अवलोकन हेतू दूर दूर से भी लोग आते जाते रहते है। श्रमदान कार्य मे नन्हेभैया तिवारी , चौ- रामकृष्ण कौरव, श्यामलाल कौरव, नीरज कौरव शिक्षक, निहाल राजपूत लिपिक, नारायण धानक, धर्मेंद्र उदेनिया, राघवेन्द्र कौरव शिक्षक,बड्डेभैया कौरव , नेतराम ममार , अरविंद पटेल , ज्ञानचंद खिचरौलिया , मेरसिंह पटेल, सुदामा मेहरा, नब्बू मेहरा , हेमराज मेहरा , लेखराम ठेकेदार, दियालाल पाली ,राजेश कौरव, परसोत्तम गोहला आदि का सहयोग मिला।