गाडरवारा । भारत की आजादी में वनवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान है उन्हीं में से एक बिरसा मुंडा सनातन संस्कृति के महान योद्धा थे जिन्होंने जनजाति समाज के गौरव को आगे बढ़ाने का काम किया और कभी भी अंग्रेजों की दासता स्वीकार नहीं की आज भी बिरसा मुंडा को बिहार, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में भगवान की तरह पूजा जाता है।
उक्त विचार वनबंधु परिषद एकल अभियान के तत्वाधान में सरस्वती स्कूल में आयोजित बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में वसंत जोशी ने व्यक्त किए। कार्यक्रम का प्रारंभ बिरसा मुंडा और भारत माता पूजन के साथ प्रारंभ हुआ कार्यक्रम में श्री सुनील राय ने बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया अंग्रेजों से लड़ते हुए रांची कारागार में आपने अंतिम सांस ली परंतु कभी भी अंग्रेजों के सामने झुके नहीं। कार्यक्रम का संचालन परमानंद जी डेहरिया ने किया आभार श्रीमती बसंती पालीवाल ने किया इस अवसर पर पूर्व शिक्षक श्री परमानंद जी धुर्वे का सम्मान भी किया गया। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ कार्यक्रम में हनी राजपूत, ममता पांडे, पूजा तिवारी, मालती गुर्जर, शिवा त्रिवेदी, सुषमा साहू, चंद्रभान कुशवाहा ओमप्रकाश कीर, हेमंत राजपूत विपिन श्रीवास्तव आदि के साथ एकल अभियान के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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