पिता की दरिंदगी की शिकार मासूम की दास्ता माॅ ने पति का दिया साथ थाना खजूरी सडक की विवेचना व पीडिता के कोर्ट मे सांकेतिक बयान पर सुनाई प्राकृतिक जीवन का कारावास की सजा।
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी संध्या मिश्रा थाना खजूरी सडक भोपाल की विवेचना के कारण आरोपी को शेष पाकृतिक जीवन का कारावास एवं 1,50,000 रूपए का अर्थ दंड से दंडित किया।
घटना का विवरण-
थाना खजूरी सडक जिला भोपाल में दिनंाक 01.01.22 को फरियादिया माॅ ने अपनी बेटी जिसकी उम्र 03 वर्ष को थाना आकर रिपोर्ट किया कि मेरी बच्ची के साथ मेरे पति ने गलत काम किया है मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना हजा पर अप. क्र 09/22 धारा 376 (2)(आई), 376(2)(एन), 376एबी भादवि एवं 5एल ,5एम,5एन/6 पाक्सो एक्ट-2012 के तहत अपराध पंजीबंद्व कर तत्काल बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया गया बाद तत्काल वरिष्ट अधिािकरयो को द्धारा एक टीम गठित कर आरोपी की तलाश कर आरोपी को तत्काल गिरफतार करने मे थाना खजूरी सडक भोपाल को सफलता प्राप्त की।
प्रकरण की फरियादिया माॅ द्वारा माननीय न्यायालय मे कथन लेख करवाये जब मामला कोर्ट मे पहुचा तो बेटी को छोडकर पति के साथ खडी होकर कथन से मुकरते हुए अपने पति को फायदा पहुचाने के नियत से कथन लेख करवाए। बच्ची के मामा और मौसी भी आरोपी के पक्ष मे हो गए पिता ने भी खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए तमाम कहानिया गढी विवेचक द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण मे मेडिकल एवं एफएसएल रिपोर्ट जप्त शुदा प्रदर्शो को परीक्षण करवाया जाकर डी.एन.ए. रिपोर्ट प्राप्त कर माननीय न्यायालय मे कम समय अवधि मे चालान पेश किया गया। दिनांक 02 मार्च 2022 से लगातार 24 पेशियों पर न्यायालय में 13 लोगो के बयान करवाए गए जिसमें 03 साल की मासूम बच्ची के सांकेतिक बयानो व विवेचना मे किए गए दौराने महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किए गए । बच्ची की माॅ, मौसी, मामा, विवेचक संध्या मिश्रा थाना प्रभारी खजूरी सडक भोपाल का पुलिस स्टाफ एवं डाॅक्टर पल्लवी सिंह, डाॅक्टर कृष्णा बाथम के बयानो एवं डी.पी.ओ. की मेहनत व साक्ष्यो के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को शेष प्राक्रतिक जीवन का कारावास एवं 1,50,000 रूपए का अर्थ दंड से दंडित किया।
जिसमे कडी लगन व मेहनत से मामले के विवेचना अधिकारी थाना प्रभारी संघ्या मिश्रा एवं टीम उनि इंदर सिंह मुझालदा,का.प्र.आर. 37 नरेंद्र सिंह, का.प्र.आर. 382 महेश, आर 2927 जितेन्द्र सिंह, आर 3373 वरूण त्रिपाठी, म.आर. 303 भावना गौर की सराहनीय भूमिका रही।