जबलपुर और सागर संभाग के कृषि आदानों की एपीसी श्री शैलेन्द्र सिंह ने की समीक्षा
नरसिंहपुर । प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री शैलेन्द्र सिंह ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जबलपुर और सागर संभाग के खरीफ 2021 एवं रबी 2021-22 के कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने किसानों को गेहूं तथा धान के स्थान पर मटर, चना, राई, सरसों और अलसी, मूंग, उड़द तथा अन्य लाभकारी फसल लेने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कलेक्टर कृषि तथा इससे जुड़ी गतिविधियों की साप्ताहिक समीक्षा करें। कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी, मछली पालन तथा इससे संबंधित गतिविधियों से युवाओं को जोड़े, इससे उन्हें रोजगार मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। एपीसी श्री सिंह ने कलेक्टर्स से कहा कि किसी भी जिले में खाद की कमी नहीं है। किसानों को उनकी मांग के अनुसार खाद की आपूर्ति करें व खाद वितरण व्यवस्था पर नजर रखें।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा सभी कलेक्टर अपने जिले में खाद वितरण की निगरानी करें। किसानों को डीएपी के स्थान पर एनपीके तथा एसएसपी खाद के अधिक उपयोग के लिए प्रेरित करें। इसके लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलायें। किसानों को आश्वत करें कि उन्हें खाद की कमी नहीं होने दी जायेगी। नरसिंहपुर के एनआईसी कक्ष में कलेक्टर श्री रोहित सिंह एवं उप संचालक कृषि मौजूद सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
केला फसल के लिए नरसिंहपुर जिले के किसानों को मिलेगा अनुदान
नरसिंहपुर जिले की उद्यानिकी विभाग की समीक्षा के दौरान जिला कलेक्टर श्री रोहित सिंह द्वारा कृषि उत्पादन आयुक्त को अवगत कराया गया कि विगत दो-तीन वर्षों से जिले में केला फसल में कृषकों का रूझान बढ़ा है। यद्यपि कोविड काल में इसकी मार्केटिंग में कुछ कठिनाई देखी गई। शासन के प्रोत्साहन से जिले में केला फसल की संभावनाएं भी विकसित की जा सकती हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा जिले में 1500 हेक्टर में केला फसल एवं राइपनिंग चेम्बर हेतु कृषकों को अनुदान दिये जाने की स्वीकृति दी गई है।
कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त ने जिले में रबी फसलों हेतु पर्याप्त मात्रा में उर्वरक व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि जिले में वर्तमान में डीएपी के विकल्प के रूप एनपीके 10:26:26 एवं 12:32:16 की उपलब्धता सुनिश्चित कर विभागीय अमले द्वारा प्रचार- प्रसार किया गया है। जिले में यूरिया एवं एसएसपी भी पर्याप्त मात्रा में प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में नरसिंहपुर जिले में लगभग 4 हजार मी. टन यूरिया, 4800 मी.टन एसएसपी तथा 1200 मी.टन एनपीके की उपलब्धता है। एनपीके की एक रैक की मांग और की गई है।
कृषि उत्पादन आयुक्त को कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि जिले में एक जिला- एक उत्पाद अंतर्गत गाडरवारा तुअर दाल एवं करेली गुड़ का चयन किया गया है। जिले के कृषक उत्पादक संगठन- एफपीओ को तैयार कर लिया गया है। जिले में उक्त दोनों उत्पादों की अपार संभावनाएं हैं। गाडरवारा दाल के लिए कृषक उत्पादक संगठन के लिये छोटी दाल मिल अनुदान में स्वीकृत होने पर कृषकों को दाल से संबंधित कार्य करने में आसानी होगी और आय बढ़ेगी। कृषि उत्पादन आयुक्त ने जिले में इन उत्पादों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।
समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि किसान जिले में लगभग 1.25 लाख हेक्टर में चना, मसूर का उत्पादन करते हैं, जो रबी की प्रमुख दलहनी फसलें हैं। वर्तमान में तिवड़ा रहित चना उत्पादन करने के लिए शासन से विभाग को 20 हजार हेक्टर का लक्ष्य मिला है। इस वर्ष जिले में सेवा सहकारी समितियों, कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं बीज निगम केन्द्र पर 3300 रूपये प्रति क्विंटल की अनुदान दर पर उच्च गुणवत्ता का प्रमाणित बीज कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
समीक्षा के दौरान पशुपालन, मछली पालन एवं डेयरी उद्योग को जिले में बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। जिले में पशुपालन एवं मछलीपालन तथा कृषि अंतर्गत अधिकाधिक कृषकों को केसीसी बनवाकर लाभान्वित करने के लिए निर्देशित किया गया