सनातन की मूलभावना है सामाजिक समरसता – महंत बालक दास ,साईंखेड़ा दादा दरबार से स्नेह यात्रा का शुभारंभ
गाडरवारा । मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के द्वारा नरसिंहपुर जिले में निकाली जा रही समरसता यात्रा का शुभारंभ साईं खेड़ा दादा धूनी दरबार से किया गया स्नेह यात्रा के द्वितीय दिवस साईंखेड़ा के अग्रसेन वार्ड,शिवाजी वार्ड,स्वामी विवेकानंद वार्ड,राजपूत कालोनी,अम्बेडकर वार्ड का जनसंवाद जो कि स्वामी विवेकानंद वार्ड में हुआ जिसमे यात्रा का नेतृत्व कर रहे पूज्य महंत बालक दास जी ने बताया कि सनातन संस्कृति की मूलभावना है सामाजिक सद्भाव एवं स्नेह के साथ सामाजिक समरसता,इसी भावना के कारण भारत की संस्कृति विश्व साहित्य का अलंकार मानी जा रही है। महंत जी ने अपने उद्बोधन में बताया कि भारत की संस्कृति का मूल विचार विश्व अपना परिवार है के साथ विश्व वन्धुत्व का है।हम सब एक ही ईश्वर की संतान है ,सभी के अंदर एक ही चेतन अनुश्रुत है।वर्ण व्यवस्था कर्म के आधार पर है न कि जन्म के आधार पर,महंत जी ने यात्राके उद्देश्य में भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी व प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी के सामाजिक सद्भाव व स्नेह व सम्मान को ध्यान में रखते हिये जो कार्य सम्पूर्ण प्रदेश में किये जा रहे हैं उनमें सागर बड़तूमा में संत शिरोमणि गुरुदेव रविदास जी के भव्य व दिव्य लगभग 100 करोड़ के मंदिर का निर्माण उसी सामाजिक समरसता व स्नहे के साथ भारत की संत परम्परा में जाति हैं भक्ति भाव की प्रधानता रही है स्नेह यात्रा में महंत स्वामी सुतीक्षण दास जी तथा नर्मदा सेवा कुटी के पूज्य संत अर्जुन भारती जी जनअभियान परिषद के जिला समन्वयक जयनारायण शर्मा सहित सभी विकाशखण्ड समन्वयकों के साथ-साथ सीएमसीएलडीपीई पाठ्यक्रम के परामर्शदाता,छात्र व नवांकुर संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ योग आयोग,विश्व गायत्री परिवार तथा सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के लोगों की उपस्थिति रही।