तीसवां विश्व मूलनिवासी दिवस धूमधाम से मनाया।
सिहोरा ।स्थानीय रुकमणी रमन पैलेस मझौली रोड में तीसवां विश्व मूल निवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बृजेंद्र कुमार सीसीएम पश्चिम मध्य रेल जबलपुर पुखराज नैनीवाल क्षेत्रीय खान नियंत्रक जबलपुर एवं आर डी जरहा ज्वाइंट डायरेक्टर संभागीय प्लानिंग जबलपुर ने मंच से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे विश्व में जल जंगल जमीन एवं नदियों के संरक्षण का दायित्व सदियों से यहां के आदिवासी समाज ने पूरी कर्तव्य निष्ठा से निभाया है यही वजह है कि आज भी देश में जल जंगल जमीन और नदियां सुरक्षित है।देश के किसी भी कोने में जल जंगल और नदियां अगर प्रदूषण मुक्त हैं तो इसका सारा श्रेय वहां के मूलनिवासी आदिवासियों को जाता है।आदिवासी समाज , समाज में सदियों से ना केवल वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में योगदान दिया है। अपितु समय समय पर आदिवासी क्रांतिकारी शहीदों तिलका मांझी बिरसा मुंडा टंट्या भील आदि ने देश की आजादी में सीमित संसाधनों के बावजूद अपने पारंपरिक हथियारों तीर कमान से आजादी की जंग को सदियों तक छापमार युद्ध कला कौशल से कायम रखा। जिसके कारण स्वतंत्रता की लौ ना केवल नगरों और गांव में जलती रही बल्कि सुदूर घनघोर जंगलों में भी आदिवासियों ने स्वतंत्रता की चिंगारी को धधकाए रखा। मगर पूर्ववर्ती सरकारों की अनदेखी के कारण वीर क्रांतिकारी आदिवासी महापुरुषों को वह सम्मान नहीं मिल पाया जिसका आदिवासी समाज हकदार है। इस अवसर पर पारंपरिक आदिवासी नृत्य पर आदिवासी छात्राओं ने मनमोहक प्रस्तुति दी जिसकी सभी ने पूरे मन से सराहना की, आदिवासी छात्राओं की मंत्रमुग्ध कर देने वाली कला नृत्य की प्रस्तुति पर मंच में विराजमान अतिथियों के साथ-साथ श्रोता भी जमकर झूमे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों को आदिवासी पारंपरिक हथियार तीर कमान देकर सम्मानित किया गया, इस अवसर पर विचार रखते हुए वक्ताओं ने आदिवासी एकता अखंडता को बनाए रखकर राष्ट्र को मजबूत करने की अपील की। इस अवसर पर गोपाल कोल किशन चौधरी ओम समद पूरन कोल जानकी रौतेल दिलीप मार्को सरोज चौधरी बबीता कोल बबीता गोटिया अनसुईया कोल जयंती मार्को जमुना रैदास आदि उपस्थित रही कार्यक्रम का संचालन के एल रैदास (शिक्षक) ने किया।