नरसिंहपुर,पुलिस अधीक्षक, अमित कुमार के कुशल निर्देशन में थाना सुआतला पुलिस द्वारा किया गया अंधी हत्या पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्त में, आपसी विवाद के चलते की गयी थी हत्या।*
दिनांक 04.09.23 को प्रार्थी बैनीप्रसाद पिता गनेशप्रसाद धानक उम्र 45 साल निवासी मानेगांव ने चौकी बरमान आकर रिपोर्ट लेख कराया कि इसका भाई मृतक नेतराम पिता गनेशप्रसाद धानक उम्र 40 साल निवासी मानेगांव का दिनांक 31.08.23 के शाम 04/00 बजे घर से गया था जिसकी दिनांक 04.09.23 को विनीत साहू के खेत मे नेतराम का शव मिला रिपोर्ट पर मर्ग क्रमाँक 62/23 धारा 174 जाफौ. का कायम कर जाँच मे लिया गया । जाँच दौरान पाय़ा गया कि मृतक दिनांक 31.08.23 को लखन धानक एवं मुन्नालाल धानक के साथ वीरकटंगी गया था । वीर कटंगी मे मुन्नालाल के टपरिया मे रुके थे दिनांक 01.09.23 को मृतक नेतराम एवं मुन्नालाल तथा लखन के बीच वाद विवाद हुआ जो मुन्नालाल धानक ने एवं लखन ने मिलकर मृतक नेतराम को लाठी से मारकर सिर मे चोट पहुचाँए थे । जो मृतक की पीएम रिपोर्ट प्राप्त होने पर मृतक के सिर मे गंभीर चोट आकर फैक्चर होने से मृत्यु होना पायी गई कि मर्ग जाँच एवं पीएम रिपोर्ट के आधार पर थाना सुआतला नरसिंहपुर मे अपराध क्रमाँक 420/23 धारा 302,34 भादवि का पंजीबध्द कर विवेचना की गई ।
विवेचना दौरान मृतक के परिजनो पिता गनेशप्रसाद, पत्नि भागवती, भाई छोटेलाल, भाई बैनीप्रसाद, भाभी शीलाबाई धानक के कथन लेख किए गए जिन्होने अपने अपने कथनो मे मुन्नालाल धानक एवं लखन धानक पर संदेह होना बताया जो संदेही मुन्नालाल धानक एवं लखन धानक से पूछताछ किया जिन्होने बताया कि मृतक नेतराम मुन्नालाल से बोला कि तुम मेरे घर राखी बांधवाने क्यों नही आये और इस बात पर से मृतक नेतराम मुन्नालाल को गाली गलौच करने लगा जिससे मुन्नालाल एवं नेतराम के बीच वाद विवाद होने लगा जिससे मुन्नालाल ने मृतक नेतराम के सिर मे लाठी मार दी मुझसे अपना जुर्म करना स्वीकार किया ।
*आरोपियों की पतासाजी एवं गिरफ्तारी में इनकी रही मुख्य भूमिका :-* उक्त अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने मे थाना प्रभारी, सुआतला निरीक्षक हिमलेन्द्र पटेल, उपनिरीक्षक ओ.पी.शर्मा, उपनिरीक्षक सियाराम परिहार, सउनि जागेश्वर ठाकुर, प्रधान आरक्षक राधेश्याम, प्रधान आरक्षक राजाराम, आरक्षक धर्मेन्द्र, आरक्षक कृष्णकांत लखेरा, आरक्षक आकाश, आरक्षक हिमांशु, आरक्षक अंकित विश्वकर्मा, आरक्षक अंकित, आरक्षक संतोष, आरक्षक शोभित, आरक्षक शशांक, महिला आरक्षक राजकुमारी का विशेष योगदान रहा।