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May 3, 2024
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शैलेंद्र शैली स्मृति व्याख्यान माला संपन्न। आजादी के 75वर्ष , चुनौतियां और जिम्मेदार कोन.एड एन एस पटेल

रिपोर्टर- लीलाधर् लोधी

शैलेंद्र शैली स्मृति व्याख्यान माला संपन्न।
आजादी के 75वर्ष , चुनौतियां और जिम्मेदार कोन.एड एन एस पटेल
शैलेंद्र शैली स्मृति व्याख्यान माला का आयोजन मध्य प्रदेश में आयोजित हो रहे हैं इसी क्रम में नरसिंहपुर जिले के ग्राम बसुरिया में 6अगस्त 2023 को मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के वरिष्ट नेता एडवोकेट एन एस पटेल की अध्यक्षा एवं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बृजमोहन कौरव के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।
मुख्य वक्ता एवं माकपा नेता एडवोकेट एन एस पटेल ने आजादी के 75 वर्ष, चुनौतियां और जिम्मेवार कौन विषय पर बोलने से पहले कामरेड शैलेंद्र शैली जो देश में गिने चुने बक्ताओ में गिने जाते थे, माकपा की केंदीय शिक्षा समिति में से एक थे और देश में गंभीर विषम परिस्थितियों के दौरान मार्क्सवादी कामयूनिष्ट पार्टी मध्य प्रदेश के राज्य महासचिव रहते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए हमारे बीच में नहीं रहे, आज प्रदेष भर में उनकी स्मृति में उनके योगदान और उनके सपनों को पूरा करने संकल्प के तौर पर व्याख्यान माला आयोजित हो रही हैं।
हमारे देश को आजादी के 75वर्ष होने को है लेकिन आज मजदूर किसान छात्र नोजवान हर वर्ग के सामने रोटी कपड़ा मकान से लेकर शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी मूलभूत सुविधाएं एक चुनौती बन गई हैं। जिसका मुख्य कारण स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत पूजीवाद का विस्तार और खासकर 1991के बाद नई आर्थिक नीति उदारीकरण की नीतियां जिम्मेवार हैं जो कि सरकारें हर क्षेत्र में निजीकरण करके किसानो मजदूरों आमजन का शोषण कर कारपोरेट को मुनाफा पहुंचा रही हैं। देशी विदेशी कार्पोरेट को भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन कर जमीन हड़पने का रास्ता साफ कर दिया है, चंद कार्पोरेट की संपत्तियां हजार गुणी बढ़ रही है, वर्तमान रिपोर्ट के अनुसर 4हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं, सरकारी नौकरियां समाप्त की जा रही है, श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूरों के शोषण होने लगा है, शासकीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिर गया है, एक ही कमरे में 5कक्षाएं संचलित हो रही हैं, निजी स्कूल कालेजों में लूट जारी है, शास्कीय स्वस्थ्य सेवाएं ध्वस्त हैं, कई डॉक्टर, नर्स एवं एक्सरे जैसी उपलब्ध मशीनें कबाड़ बनी हुई हैं, उल्टा निजी अस्पतालों का बोलबाला है जो जनप्रतिनिधि एवं कारपोरेट के हैं जो आयुष्मान योजना में लूट मचाएं हुए हैं।
आज सबसे बड़ी चुनौती देश में सांप्रदायिक सौहार्द को कायम रखने की है, आज जाति ,भाषा, क्षेत्र,धर्म,संप्रदाय,ऊंच,नीच के नाम पर आपस में लड़ाया जा रहा है जिससे इंसान इंसान का दुश्मन बन गया है और वह अपने शिक्षा, रोजगार और उसके साथ हो रहे शोषण जैसे मुख्य मुद्दे से ध्यान हट गया है, जिसमें कार्पोरेट सफल हो रहा है। आज लोगों को अपने हक के लिए आवाज उठाने की जरूरत है बजाय उसके गोधरा के बाद मणिपुरऔर हरियाणा के नूह की आग को हम देख रहे हैं और यह आग हमारे आस पास भी दिखने लगी है। जिसका परिणाम यह होगा कि अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक अपनी चारदीवारी में भी सुरक्षित नहीं रहेगा।
आज सबसे बड़ी चुनौती अनेकता में एकता जो राष्ट्रीयता की विशेषता है इसे बचाने की है और सरकारें जो कार्पोरेट के हित में नीतियां बनाकर किसान मजदूर कर्मचारी को लूटने की नीतियां बना रहे हैं उन्हें रोके जाने संघर्ष की जरुरत है।
इस सबके लिए पूजीवादी सरकारें जिम्मेवार हैं, इन्हे हटाना होगा।
किसान नेता बृजमोहन कौरव ने संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन पर प्रकाश डाला एवं सभी को एकजुट होकर किसान मजदूर आम जन विरोधी नीतियों का विरोध कर इन्हे गद्दी से हटाना होगा।
व्याख्यान माला को माकपा नेता ऐडवोकेट एल एन वर्मा, सचिव देवेंद्र वर्मा, किसान सभा के लालसाहब वर्मा, सचिव करणसिंह अहिरवार, राजेंद्र राजपूत ने भी संबोधित किया।
व्याख्यान माला के अवसर पर एड एन एस पटेल,बृजमोहन कौरव, एड एल एन वर्मा, देवेंद्र वर्मा,लालसहब वर्मा , नरेंद्र वर्मा, गंगाराम बघेले , लीलाधर वर्मा, विश्राम वर्मा, राजेंद्र राजपूत,सरपंच सरदार पटेल, उपसरपंच मेहरबान सिंह पटेल,भैरो प्रसाद विश्वकर्मा, तुलसीराम श्रीवास, राजेंद्र सिंह पड़यार, जगमोहन कौरव, सुंदरलाल कौरव, दीपक वर्मा,गरीबदास चौधरी, हरगोविंद चौधरी, कमलेश वर्मा, मुन्नालाल कुशवाहा, कालुराम वर्मा, विनोद वर्मा, ज्ञानेश्वर पटेल, अखलेश कुशवाहा, कुंवर लाल कुशवाहा, बृजकिशोर, मुन्नलाल कुशवाहा, राजेश कुमार हिंखेरिया, ओमकार प्रसाद बागवान , लालसिंह वर्मा, दारासिंह मेहरा सहित जिले के लोग मोजूद रहे।

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