धूप रजाई ओढ़ कर,आया है नव वर्ष। उपवन में महका मलय,मन मंगलमय हर्ष।
नव वर्ष पर दोहे धूप रजाई ओढ़ कर,आया है नव वर्ष। उपवन में महका मलय,मन मंगलमय हर्ष। प्रीत पगे मन हर्ष में,महकी-महकी धूप। नए वर्ष में सज रहे,प्राकृत रूप अनूप। मलय पवन सब शांत है,बढ़ती शीत प्रचंड। सूरज को मद्धिम करे,नए वर्ष की ठंड। मंगलमय नव......