गरीब महिलाओ की झोपड़ियो से अंधेरा हटाकर उनके घरों में रोशनी करने की मांग को लेकर विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय पहुंची आप की महिला जिला शक्ति अध्यक्ष रीना लमानिया
गाडरवारा । आज जहां एक तरफ गरीब अपने दो वक्त की रोटी खाने के लिए दिन-रात की मेहनत कर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर रहा है वही गरीबों की झोपड़ी के बिल 11000 रुपये तक आ रहे हैं। इन झोपड़ियो मे रहने वालो का कहना है कि कैसे हम इतना बिल जमा करें या तो इन बिल् को भरे या फिर अपना पेट भरे । एक तरफ जहां मध्य प्रदेश शासन ने कोरोना काल में बिजली के बिलों को माफ करने के आदेश के बाबजूद भी गरीबों के घरों के बिजली के बिल को माफ नहीं किया गया, और गरीबों के बिल लगातार बढ़कर आ रहे हैं। जिसके चलते गरीब यह बिल चुकाने में सक्षम नहीं है और इन समस्याओं से जूझ रहे है। आपको बता दे कि गाडरवारा के विवेकानंद वार्ड मे मरघटा में रहने वाले गरीब जब 11000 हजार रुपये से लेकर 20000 हजार रू का बिल नहीं दे पाए तो मध्य प्रदेश वितरण कंपनी के कर्मचारियो ने उन गरीबों की लाइट काट दी जिससे गरीबों के घरों में छाया अंधेरा ,और आज ये सभी गरीब परिवार के लोग अंधेरे में बैठे हैं। जैसे ही गरीब घरों के बिजली कटने की खबर आम आदमी पार्टी की महिला शक्ति जिला अध्यक्ष को इस बात खबर लगी तो वे तुरंत विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय उन महिलाओं को लेकर पहुँची और वँहा पर मौजूद अधिकारियों से बात कर उन्हें अवगत कराया कि इन गरीब परिवारों के घरों की लाइट को जल्द जोड़ दिया जाए , क्योंकि इन गरीबों के पास 11000 रू की हजार की नगद राशी नही है,, धीरे-धीरे करके कुछ राशि जमा करके बिल चुका देंगे, कृपया इनकी लाइन जोड़ने का कष्ट करें । खबर लिखे जाने तक गरीबों के घरों मे अभी भी रोशनी नहीं आई है । एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर इस वारिस के मौसम में जब जहरीले जीव जंतुओ का अधिक खतरा बना रहता तब यन्हा अंधेरा छाया है ,,आगे देखना कि जिम्मेदार कब अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और इन गरीब परिवारों के घरों मे छाए अंधेरे को कब दूर करेंगे।