जिले के समस्त उर्वरक विक्रेता कृषकों को निर्धारित दर पर ही उर्वरक उपलब्ध करायें
नरसिंहपुर।रबी सीजन वर्ष 2023- 24 में जिले में 3 लाख 19 हजार हेक्टर बोनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके विरूद्ध अद्यतन स्थिति में 22 हजार हेक्टर में रबी फसलें बोई गई हैं, जिसमें मुख्यत: 6 हजार हेक्टर में चना, 7 हजार हेक्टर में मसूर, 5 हजार हेक्टर में मटर एवं गेहूं/ सरसों/ अलसी आदि की फसलें ली गई हैं। जिले में रबी फसलों की बोनी का कार्य लगातार तेजी से चल रहा है।
रबी सीजन के लिए कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना के निर्देशन में जिले में उर्वरक की उपलब्धता लगातार सुनिश्चित कराई जा रही है। अद्यतन स्थिति में यूरिया 2943 मी. टन, डीएपी 1506 मी. टन, एसएसपी 5520 मी. टन, म्यूरेट ऑफ पोटाश 421 मी. टन एवं काम्पलेक्स 2330 मी. टन उपलब्ध है। शासन द्वारा 266.50 रुपये यूरिया एवं 1350 रुपये डीएपी निर्धारित की गई हैं, जिसे किसान निर्धारित मूल्य पर ही क्रय करें।
वर्तमान में पिपरिया एवं कछपुरा रैक से जिले के भंडारण केन्द्रों में ट्रांजेक्ट हो रहा है और शीघ्र ही नरसिंहपुर रैक प्वाइंट में 2729.5 मी. टन डीएपी रैक प्राप्त हो रही है।
जिले में डीएपी, एनपीके एवं म्यूरेटा पोटाश का पर्याप्त भंडारण है। जिले में प्राप्त होने वाले उर्वरकों को मार्कफेड के डबल लॉक, एमपी एग्रो गोदाम, सहकारी समितियों एवं निजी विक्रेताओं के माध्यम से उर्वरकों का वितरण का कार्य किया जा रहा है। जिले के निजी विक्रेताओं के यहां 1186 मी. टन यूरिया एवं 642 मी. टन डीएपी भंडारित है। किसान यूरिया का उठाव के लिए अपनी भूमि की मूल ऋण पुस्तिका एवं आधार कार्ड के साथ लेकर ही जायें। उर्वरक क्रय करते समय विक्रेता से कैश मेमो अवश्य लेवें। यदि किसी भी प्रतिष्ठान पर उर्वरक अधिक पर विक्रय किया जाता है, तो उसकी सूचना संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी या संबंधित तहसीलदार को देवें। जिले में उर्वरकों का औद्योगिक गैर कृषि कार्यों में उपयोग कालाबाजारी, अवैध भंडारण में परिवहन रोकने के लिए कलेक्टर के मार्गदर्शन में टीम का गठन कर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान अनियमिततायें पाये जाने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत ठोस वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।