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May 3, 2024
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सिहोरा,जन आशीर्वाद यात्रा में आशीर्वाद को तरसे सिहोरा के नेता ,भाजपा की सिहोरा पहुंची जन आशीर्वाद यात्रा का जिला मुद्दे पर हुआ जमकर विरोध

अनिल जैन सिहोरा

जन आशीर्वाद यात्रा में आशीर्वाद को तरसे सिहोरा के नेता

भाजपा की सिहोरा पहुंची जन आशीर्वाद यात्रा का जिला मुद्दे पर हुआ जमकर विरोध

सिहोरा – सिहोरा में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में वही हुआ जिसका अंदेशा था,स्थानीय विधायक,सांसद और मुख्यमंत्री की सिहोरा जिला मुद्दे पर अनदेखी के चलते सत्तारूढ़ भाजपा को भारी पुलिस बल के बीच अपनी जन आशीर्वाद यात्रा निकालना पड़ी।जब तक पुराने बस स्टैंड में सभा चली,सामने ही टेंट लगाकर बैठे आंदोलनकारी नारे बाजी करते रहे।आलम ये रहा कि सभा सुनने आए लोग आंदोलन स्थल के पास आ गए।घटती संख्या देख भाजपा कार्यकर्ता सक्रिय हुए और जैसे तैसे लोगो को भाषण सुनने बैठालते रहे।

केंदीय मंत्री ने दिखाया आईना 

सिहोरा भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा के मुख्य वक्ता केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल रहे।वे यात्रा के मंडला से सिहोरा आने के दो घंटे पहले ही सिहोरा पहुंच गए थे।सिहोरा पहुंचते ही उन्होंने विगत दिवस मीसाबंदी सम्मान पत्र लौटाने वाले आर एस एस के पूर्व प्रचारक प्रमोद साहू से उनके निवास पहुंच बातचीत की।इसके बाद उन्होंने सिहोरा जिला की मांग पर आंदोलित लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के सदस्यों को वार्ता हेतु बुलाया।जहां समिति के सदस्यों और केंद्रीय मंत्री के मध्य सिहोरा जिला मुद्दे के प्रत्येक पहलू पर बात हुई।प्रहलाद पटेल ने अपने भाषण में भी सिहोरा जिले के आंदोलनकारियों का पक्ष लेते हुए मांग करने को उनका हक बताया।मंत्री ने अपने भाषण में इतना तक कहा कि वे 2003 में भी सिहोरा जिला बनने के पक्ष में थे।एक तरफ जब दो वर्षो से सिहोरा भाजपा के नेता सिहोरा जिला मुद्दे पर कन्नी काटते रहे,केंद्रीय मंत्री ने आते ही आंदोलनकारियों से संवाद कर सिहोरा के नेताओ को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया।इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री कार्यक्रम समाप्ति के बाद आंदोलन स्थल भी गए।

कुण्डम सिहोरा मझौली मिलकर सिहोरा जिला

यद्यपि केंद्रीय मंत्री द्वारा कोई आधिकारिक वक्तव्य जारी नही किया गया पर ऐसी बाते निकलकर आई कि केंद्रीय मंत्री सिहोरा जिला होने के पक्ष में रहे।वर्ष 2003 के राजपत्र के अनुसार सिहोरा जिला बनने में वर्तमान में अनुकूलता नही है पर कुण्डम,सिहोरा और मझौली को मिलाकर सिहोरा जिले बनने की संभावना की बाते बाहर आई है। ऐसे भी कयास लगाए जा रहे है कि शीघ्र ही सिहोरा के लिए अच्छी खबर आ सकती है।

आंदोलकारियों की तैयारी के बीच बौना प्रशासन

सिहोरा जिला आंदोलन को कम आंकना एक बार फिर सरकार और प्रशासन को मंहगा पड़ा।इससे पहले की जन आशीर्वाद यात्रा सिहोरा पहुंचती आंदोलित समिति द्वारा पूरे रास्ते काले झंडे दिखाने की तैयारी कर ली गई थी।शाम होते ही मझौली बायपास पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंक सिहोरा वासियों ने अपने मंसूबे साफ कर दिए थे।इसके बाद सिहोरा न्यायालय के सामने अधिवक्ता संघ ने भी पुतला जला परिस्थिति को उग्र कर दिया।जानकारों का मानना है कि यदि केंद्रीय मंत्री ने आते ही मोर्चा न सम्हाला होता तो स्थिति और उग्र होती।पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रशासन और आंदोलनकारियों के मध्य तनातनी चलती रही जिसका खौफ जन आशीर्वाद के मंच पर भी स्पष्ट दिखाई दिया।

विधायक और सांसद के भाषणों की चर्चा

जन आशीर्वाद यात्रा के मंच से सिहोरा विधायक और सांसद के भाषणों की चर्चा होती दिखी।विधायक नंदनी मरावी ने सिहोरा रेलवे स्टेशन के अमृत योजना में शामिल होने पर 25 करोड़ के काम होने की बात की जबकि वास्तव में केंद्र द्वारा इस हेतु 19 करोड़ रु स्वीकृत हुए है।वही सांसद राकेश सिंह ने अपने पूरे भाषण में प्रधानमंत्री मोदी का गुणगान किया।लोगो की अपेक्षा थी कि वे सिहोरा वालो को बताए कि सिहोरा के लिए उन्होंने 20 वर्षो में क्या किया।वही खितौला के रेलवे ओवर ब्रिज की स्वीकृति को 20-25 वर्षो के अथक परिश्रम से मिली उपलब्धि बताने को सोशल मीडिया पर अनेक सिहोरा वासियों ने ट्रोल करते हुए कमेंट किया कि जब एक ब्रिज में इतने वर्ष लगाएंगे तो कैसे विकास करेंगे।

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