आशुतोष सा है नहीं इस धरती पर अन्य…
गाडरवारा की माटी के रत्न हमारे प्रिय आशुतोष राना को कल उनकी कालजयी कृति रामराज्य के लिए मध्यप्रदेश के साहित्य अकादमी पुरुष्कार से सम्मानित किया गया।
वस्तुतः आशु भाई की शख्शियत इतनी बड़ी है कि उनकी उपस्थिति से इस समारोह की भव्यता को चार चांद लग गए।
आशुतोष राना के लिए ये पुरुष्कार सिर्फ एक साधारण सा सम्मान है इससे कई बड़े सम्मान उनके व्यक्तित्व में समाहित है,साहित्य लिखना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन साहित्य को जीना ,साहित्य को आचरण में उतार लेना एक तप है और आशु भाई इस तप के सफल तपस्वी हैं।
गाडरवारा और मध्यप्रदेश की धरती को आशु भाई ने हमेशा गौरवान्वित किया है,हम सब गाडरवारा के स्वजनों को गर्वित होने के उन्होंने असंख्य अवसर प्रदान किये है ये भी उन अवसरों में से एक था,अपनों के लिए हमेशा समर्पित रहने वाले आशु भाई का हम सभी हॄदय से अभिनंदन करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वो आशु भाई को इतनी शक्ति, इतनी ऊर्जा इतना सामर्थ्य प्रदान करे कि वो हम सभी को अपने अंक में समेट कर यूँ ही गर्वित होने के अवसर प्रदान करते रहें।
मिलकर आशुतोष से पुरुष्कार है धन्य।
आशुतोष सा है नहीं,इस धरती पर अन्य।(सुशील शर्मा)
शुभमस्तु